Nifty 50 & Sensex Explained in Hindi

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इस ब्लॉग में सेंसेक्स और निफ्टी 50 के बारे में बताया गया है और वे किस तरह से संचालित होते हैं ये हिंदी में समझाया गया है। सेंसेक्स एक मेजर BSE इंडेक्स है और निफ़्टी एक मेजर NSE इंडेक्स है स्टॉक मार्केट के लिए। BSE और NSE अन्य समान इंडिसिस जैसे कि लार्ज कैप इंडेक्स, मिड कैप इंडेक्स, स्मॉल कैप इंडेक्स और सेक्टरल इंडेक्स प्रकाशित करते हैं।

BSE or NSE क्या होते हैं



आज हम समझने की कोशिश करेंगे कि आखिर सेंसेक्स और निफ्टी इंडेक्स  क्या होते हैं आखिर सेंसेक्स और निफ्टी से  तना अपसेट क्यों होते हैं लोग क्यों इतना ज्यादा फॉलो करते हैं कई बार लोग सवाल पूछते हैं। कि अगर सेंसेक्स 30 कम्पनियो का इंडेक्स है तो फिर उन 30 कंपनीस को फर्क पड़ना चाहिएमैंने कंपनी केअंदर इन्वेस्ट किया है तो मेरे स्टॉक को क्यों फर्क पड़ना चाहिए ।

ऐसा नहीं है  कई बार  साइकोलॉजी जिसे मार्केट का सेंटीमेंट कहते हैं

आपने  कहावत सुनी होगी "All Ships Rise With The Rising Tide" तो जब ज्वार-भाटा होता है तो सारे जहाज ऊपर उठ जाते है उसके साथ  जब निचला ज्वार होता है तोह सारे जहाज निचे चले जाते है।  इसी तरह अगर सेंसेक्स और निफ़्टी मार्केट बहुत अच्छा परफोर्मे करती है तो कई बार ख़राब कम्पनियाँ भी उसके साथ ऊपर उठ जाती है।  और जब मार्किट नेगटिव परफॉर्म करती है तो अच्छी  कम्पनियाँ भी गिर जाती है। उसमें आपके लिए एनालिसिस करना बहुत इंपॉर्टेंट हो जाता है 


  • इस ब्लॉग में हम निफ़्टी और सेंसेक्स का कांसेप्ट अच्छे से समझेगें। और  जिस से आपको सेंटीमेंट और ग्रुप साईकोलॉजी के कांसेप्ट का थोड़ा अच्छे से समझ आ जाए। निफ़्टी और सेंसेक्स  को हम एक एग्जांपल से समझते हैं

मान लीजिये आपकी तबीयत खराब हो जाती है तो आप डॉक्टर के पास जाते हैं डॉक्टर टेंपरेचर लेता है ब्लड प्रेशर चेक करता है या फिर हो सकता है आपको ब्लड रिपोर्ट लाने के लिए कहे आप के ब्लड सैंपल चेक करने को यह सारे पैरामीटर से या मैट्रिक से उसको पता चल जाता है कि आपकी हेल्थ  कैसी है।  सिमिलरली अगर आप किसी कंट्री की इकोनॉमी की हेल्थ  पता लगाना चाहते हैं तो आप उस कंट्री की स्टॉक मार्केट को  ट्रैक कर सकते हैं।

  •  स्टॉक मार्केट को कैसे ट्रैक किया जाता है?
अगर हम इंडिया की बात करें तो आप सेंसेक्स और निफ्टी से स्टॉक मार्केट को ट्रैक कर सकते हैं इंडिया के अंदर सेंसेक्स और निफ्टी दो मेजर स्टॉक मार्केट के इंडेक्सेस हैं । अब ऐसे दो मेजर इंडेक्स कोन से है इंडिया में बेसिकली  BSE  बॉन्बे स्टॉक एक्सचेंज का मेजर इंडेक्स है और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का जो मेजर इंडेक्स है उसे हम निफ़्टी कहते है। सेंसेक्स   Bombay Stock Exchange  की शॉर्ट फॉर्म है और निफ्टी नेशनल 50 का शॉर्ट फॉर्म है । बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज पर 6000 से भी ज्यादा कंपनी लिस्टेड है. और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर लगभग 2000 से जयदा कंपनी लिस्टेड है।  इस लिए हम इंडेक्स में  कमपनीज़ को  ट्रैक नहीं कर  सकते है। अगर आपको इकॉनमी हेल्थ पता लगानी है तो हम एक पर्टीकुलर कम्पनीज़ का इंडेक्स बनाते है।  BSE  टॉप 30कम्पनीज़ का इंडेक्स है। 

यह टॉप 30 कम्पनीज़ जो बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज सेलेक्ट  करता है यह फ्री फ़्लोट  मार्केट Captalisation के हिसाब से सेलेक्ट की जाती है। जिसके अंदर सारे सेक्टर्स को रिप्रेजेंट किया जाता है। हर  सेक्टर की जो बड़ी बड़ी कमपनीज़ होती है उनको इस इंडेक्स  सेलेक्ट किया जाता है।  इसी तरह निफ़्टी के अंदर टॉप 50 कम्पनीज को सेलेक्ट  किया जाता है। तो बसे टॉप 30 कम्पनीज का इंडेक्स है और निफ़्टी टॉप 50 कम्पनीज  इंडेक्स है. 

  • बेस ईयर ?
अब हम बेस ईयर की बात करते है। आप ने सुना होगा कि सेंसेक्स ५०,००० चला है ५५,००० चला है तो बेसिकली यह शुरू कब हुआ था इसकी स्टार्टिंग फिगर कितनी थी?

सेंसेक्स 1978 -79 में  स्टार्ट हुआ था  तो इसका बेस ईयर 1978 -79 माना जाता है  उस वक़्त सेंसेक्स की वैल्यू 100 रूपए रखी गई थी।  इसी तरह निफ़्टी साल 1995 -96   में शुरू हुआ था तो उस वक़्त इसकी वैल्यू 1000 रूपए रखी गई थी। 
अगर हम अगर और गहन तरिके से स्टडी करे तो  देख़ते है की जब सेंसेक्स लिस्टेड हुआ था तो 100 रुपए इसकी वैल्यू थी और अगर हम देखे तो सेंसेक्स 56000 के पास है इसका मतलब सेंसेक्स हर साल लगभग 26%  की Compounded ग्रोथ  से बड़ा है। इसी तरह स्टॉक मार्किट में हर सेक्टर अलग अलग इंडेक्स बनाये गए है।  जैसे मिड कैप , स्मॉल कैप, निफ़्टी बैंक , निफ़्टी ऑटो etc. 
हर सेक्टर के अलग अलग इंडेक्स होने से आप उस इंडेक्स को फॉलो करके  कम्पनीज की हालत का पता लगा सकते है।  जैसे फार्मा सेक्टर की क्या कंडीशन है। इसी तरह बैंक इंडेक्स को भी पब्लिश किया जाता है।   इस से आपको बैंक सेक्टर की परफॉरमेंस का पता चलता रहता है 

  • बीएसई और एनएसई की  विशेषताएं :-

  •  यह फ्री फ्लोट मेथड से ट्रैक होते है 
  • NSE और BSE  सभी सेक्टर की टॉप परफार्मिंग कम्पनीज द्वारा  लीड किया जाता है। 
  • यह पब्लिक द्वारा Buy  और Sell  का सेंटिमेंट है।  खरीद व् बेच के हिसाब से ही यह मार्केट ऊपर - निचे जाता है।  यह सेंटीमेंट डेली बेसिस के हिसाब से सेटल होता है।  जैसे कोई पॉलटिकल इशू, किसी कंट्री से अच्छी या बुरी ख़बर  से मार्किट में उत्तार चढ़ाव आ सकता है। 
  • बिज़नेस पालिसी 
  • इंटरनेशनल इफ़ेक्ट
  • इंडस्ट्रीज का फ्यूचर 
  • कंट्री फ्यूचर

जब पॉजिटिव इफ़ेक्ट होता है तोह मार्किट 30 -40 % तक ऊपर चढ़ जाती है और अगर ट्रेंड नेगटिव  मार्किट इतना ही निचे गिर सकती है। मार्किट के ऊपर नीचे जाने से आपकी अर्निंग आपके स्टॉक पर डिपेंड करती है  है की यह 10 % ही हुई हो  . यह पूरी तरह आपकी रिसर्च और स्टॉक सिलेक्शन पर  डिपेंड होता है। 



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